रविवार, 21 अप्रैल 2024

पीरियड क्या है

दोस्तो आज की इस आर्टिकल मैं हम बात करने वाले है की पीरियड क्या होता है ।कब होता है पीरियड कब आने से फायदा होता है और कब आने से नुकसान होता है।ज्यादा दिन तक नहीं आने से क्या क्या परेशानी हो सकती है जिसकी जानकारी हम आज इस आर्टिकल के मध्यम से देने वाले है ।अगर आप बहुत दिन से इस पोस्ट को खोज रहे है तो आज बिल्कुल अच्छी वेबसाइट पर है ।आप इस पोस्ट के अंत तक बने रहे।


पहले के युग में लड़की को शादी से पहले पीरियड या महामारी आने पर उसे एक अलग नज़ाजिया से देखा जाता था। अभी भी कुछ गांव में ऐसे होता है लेकिन पहले से अब बहुत बदल चुका है। और ये खास तौर पर अनपढ़ लोग ही ऐसे करते है उसको सबसे पहले पता नहीं होता है की पीरियड या माहवारी क्या होता है। 

आज हम इसी टॉपिक यानी पीरियड या महावारी के बारे में बताएंगे। 


  • पीरियड क्या होता है ? 

  • पीरियड क्यों होता है ? 

  • पीरियड कब से आना शुरू होता है ? 

  • पीरियड कितने दिन के लिए आता है ?

  •  पीरियड प्रक्रिया कितने साल तक चलती है।

  •  पीरियड आने पर हमे क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ? 


माहवारी (पीरियड) क्या है?




माहवारी (पीरियड) क्या है?

पीरियड या माहवारी एक साधरण प्राकृतिक जीव में होने वाला बदलाव (जैविक प्रक्रिया) है जिसमें लड़की या स्त्री गर्भाशय (uterus) के अंदर से रक्त (blood) और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकलता हैं। स्त्री या लड़की में आमतौर पर महीने में एक बार होता है।   एक साधारण लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है उनका शरीर अपने आप को गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के  लायक हो रही है । 



इसमें एस्ट्रोजन (एक सेक्स हार्मोन है जो महिलाओं के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है) ,और प्रोजेस्ट्रोन (यह एक प्रेग्नेंसी हार्मोन है जो गर्भधारण के समय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है) जैसे हॉर्मोन अंडाशय (overy) से निकलते हैं। ये वो फ़ीमेल (female) सेक्स (sex) हॉर्मोन हैं जो यूटेरिन लाइनिंग या एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की लाइनिंग) का बनना शुरू कराते हैं जोकि एक फर्टिलाइज़्ड (अगर महिला की एग फर्टिलाइज हो जाता है तो वह गर्भ धारण करती) एग को पोषित करते हैं।


यही हॉर्मोन ऑव्युलेशन के दौरान किसी एक ओवरी में से एग निकालने की प्रक्रिया को भी शुरू करते हैं। यह एग फेलोपियन ट्यूब से होकर गुजरता है और यूटेरिन लाइनिंग से जुड़ जाता है - जोकि फ़र्टिलाइज़ेशन के लिए तैयार है।


यह लाइनिंग बनने, टूटने, और निकलने में करीब 28 दिन लेती है। ज़्यादातर महिलाओं में पीरियड साइकिल 21 से 35 दिनों के बीच में कभी भी होती है।


पीरियड कब आने शुरू होता है ?


ज़्यादातर लड़कियों में उनका पहला पीरियड 12 वर्ष की उम्र में आना शुरू होता है । हालंकि, हर लड़की एक दूसरे से अलग होती है और उनका विकास भी अलग-अलग होता है। कुछ लड़कियों में पीरियड 8 वर्ष की उम्र में ही आना शुरू हो जाता हैं जबकि कुछ लड़कियां में यह 15 साल के बाद शुरू होता है।


पीरियड कितने साल से कितने साल तक रहता है ?


पीरियड्स आने की सही उम्र 12 साल में ही होती है। लेकिन कई बार कुछ लड़कियों को 8 साल की उम्र में ही आना शुरू हो जाती है और किसी में 15 साल के बाद शुरू होती है। वहीं पीरियड या महावारी बंद होने की सही उम्र 45 से 50 साल में होती है। इस स्थिति को मेनोपाॅज (महिला का मासिक धर्म या पीरियड्स का बंद हो जाना) कहा जाता है।


पीरियड कैसे आता है ?


पीरियड या माहवारी एक साधरण प्राकृतिक जीव में होने वाला बदलाव (जैविक प्रक्रिया) है जिसमें लड़की या स्त्री गर्भाशय (uterus) के अंदर से रक्त (blood) और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकलता हैं। स्त्री या लड़की में आमतौर पर महीने में एक बार होता है। एक साधारण लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है  उनका शरीर अपने आप को गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के  लायक हो रही है । 


पीरियड क्यों आता है। ?


जब किसी लड़की का शरीर पूर्ण रूप से सुचिंतित (mature) होकर गर्भधारण (Gestation)  करने के लिए तैयार होता है तो लड़की की शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव (hormonal changes) होते हैं और उन्हीं में से एक पीरियड्स भी आना शुरू होता है। 


कहने का अर्थ है जब एक लड़की अपने यौवन अवस्था में पहुंचती है तो हार्मोनल बदलाव के कारण उसके अंडाशय यानी ओवरी overy (महिलाओं या लड़किया की प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होती है) में अंडे बनने लगते हैं।


हर महीने गर्भाशय में एक परत का निर्माण होता है जो म्यूकस (एक पतला पदार्थ) और खून से बनी होती है। जब महिला के अंडाशय से निकला हुआ अंडा फैलोपियन ट्यूब (गर्भाशय और अंडाशय के बीच पेट में स्थित रहता है)  में पुरुष के शुक्राणु (sperm) के साथ निषेचन (fertilization) होता है तो भ्रूण बनने और उसे पोषण देने में इस परत का एक अहम भूमिका होता है।



अगर स्त्री अंडा पुरुष सुक्राणु के साथ फर्टिलाइज नहीं हो पाता है तब वह म्यूकस और खून के साथ महिला की योनि से बाहर निकलता है। इससे स्त्री या महिला को ब्लीडिंग (bleeding) होती है, इसी ब्लीडिंग को पीरियड्स, माहवारी या मासिक धर्म कहते हैं। 


पीरियड कितने दिन के लिए आता है?


 पीरियड या माहवारी दो से आठ दिन तक रह सकती है और मासिक चक्र (एक माहवारी के शुरू होने से लेकर अगली माहवारी के एक दिन पहले तक की अवधि) सामान्यतया 24 से 35 दिन तक रहता है। अनियमित माहवारी के बहुत से संभावित कारण होते हैं और इलाज उसके मूल कारण पर निर्भर करता है।


पीरियड के दौरान क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?


1. पीरियड की वजह से आपका प्राइवेट पार्ट पहले से ही काफी गीला रहता है। इशिलिए गीलेपन को कम करें। जिससे कोई इन्फेक्शन से बच सके। 


2.नैपकिन (काम मात्रा में किसी लिक्विड प्रदार्थ को सोखने वाला पैड) नियमित रूप पर बदलते रहना चाहिए बहुत सारे महिलाएं लम्बे समय तक एक ही नैपकिन का इस्तेमाल करती रहती हैं, जो कि स्वस्थ के लिए सही नहीं है। 


3.पीरियड या माहवारी के दौरान साबुन का इस्तेमाल न करे


4. ब्लीडिंग होने पर उसे गर्म पानी से सफाई करे। 


पीरियड के दौरान क्या गलती नहीं करनी चाहिए?



1. असुरक्षित संबंध


स्त्री को भूलकर भी ये नहीं सोचना चाहिए कि पीरियड्स के दिनों में सेक्स करने से कोई भी स्त्री  गर्भवती नहीं हो सकती हैं. पीरियड्स के दिनों में भी गभर्वती होने की संभावना होती है. साथ ही कईं बीमारियों के होने की भी संभावना बढ़ जाती है इसी बीमारियों के संक्रमण से बचने हेतू पीरियड्स के दिनों में भी संबंध नहीं बनाने चाहिए.


2. खाना छोड़ना हो सकता है खतरनाक



इस समय खाना चाह कर भी न छोड़े। आप प्राप्त मात्रा में खाना हर समय जैसे खाते रहे। आपको यह याद रखने की जरूरत है की इस वक्त शरीर में कभी कमजोरी हो जाती है इसीलिए ज्यादा से ज्यादा कोशिश आप जो भी आहार लें वो पौष्ट‍िक ही हो.


3. शारीरिक श्रम से बचें


आदि आपको पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होता है या फिर पीठ में अकड़ आ जाती है तो आपके लिए अच्छा होगा कि आप शारीरिक काम करने से बचें. ज्यादा मेहनत वाला काम न करे वरना आपके शरीर का ये दर्द और अधिक बढ़ सकता है.


4. नैपकिन को लेकर लापरवाही


पीरियड्स के दौरान ये बहुत जरूरी है की आप कितने घंटे के बाद सैनेटरी नैपकिन बदल रहें. समय पर सैनेटरी नैपकिन बदलने पर इससे आप संक्रमण से सुरक्षित रहेंगी. साथ ही दुर्गंध जैसी समस्या भी नहीं होगी.


5. बहुत तंग कपड़े पहनना


आपको पीरियड्स के समय बहुत तंग कपड़े पहनना सही नहीं है. इन दिनों ऐसे कपड़े पहनें जिन्हें पहनकर आप आराम महसूस कर पा रहे हो।  वरना चिड़चिड़ापन होने की आशंका बहुत ज्यादा होजाती है। 


6. ध्यान देने योग्य बात


जितना जल्दी हो सके अपने पैड या टेम्पन बदलते रहे और जितना हो सके आराम करें। अगर आपको पीरियड के समय पेट दर्द जैसे समस्या की महसूस हो रहे हो, तो उससे आराम पाने के लिए गरम पानी की बोतल या गर्म पैड का इस्तेमाल करें। पेट के नीचे वाले भाग में गर्म सेंक देने से दर्द में काफी राहत मिलती है।


मित्रो आज की इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको जानकारी only लड़किया के लिय दिए है।अगर आप कही सोच रहे है की महावीर मानसिक होती क्या है। कब होती है।कब रूकतिहै।सारा जानकारी इस आर्टिकल मैं दे दिए है।आपको आपको किसी प्रकार का डाउट हो तो आप मुझे नीचे कमेंट बॉक्स मैं पूछ सकते है।

 







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